All 18 Puranas In PDF File | सम्पुर्ण १८ अष्टादश पुराण | Sanskrit Mulamatram PDF
पुराण भारतीय धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, जो न केवल धार्मिक शिक्षाओं को प्रस्तुत करते हैं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक संदर्भों को भी उजागर करते हैं। इन ग्रंथों में ब्रह्मांड, देवताओं, पौराणिक कथाओं, और मानव जाति के उद्भव से संबंधित कहानियाँ होती हैं। पुराणों को मुख्यतः तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है: सत्त्व, रजस और तमस। ये विभाजन इन ग्रंथों की प्रकृति और विषयवस्तु के आधार पर किया गया है।
पुराणों का महत्त्व
पुराण भारतीय समाज में ज्ञान के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। ये केवल धार्मिक उपदेशों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनमें विज्ञान, भूगोल, ज्योतिष, इतिहास, और कला जैसी विभिन्न विधाओं का भी समावेश है। वेदों की तुलना में पुराणों को अधिक लोकप्रिय माना जाता है, क्योंकि वे सरल भाषा और कथा शैली में लिखे गए हैं, जिससे सामान्य जनता के लिए उनका समझना और अपनाना आसान हो गया।
प्रमुख पुराण और उनके श्लोक
ब्रह्मपुराण – 10,000 श्लोक: ब्रह्मपुराण हिंदू धर्म के सबसे प्राचीन पुराणों में से एक है, जो ब्रह्मा की महिमा का वर्णन करता है। इसमें सृष्टि, ब्रह्मांड, और देवताओं के जन्म की कथाएँ शामिल हैं।
पद्मपुराण – 55,000 श्लोक: यह पुराण पाँच भागों में विभाजित है और इसमें भगवान विष्णु की महिमा का विस्तृत वर्णन है। इसमें पवित्र तीर्थों, विशेषकर पुष्कर और भगवान राम के जीवन से संबंधित कथाएँ शामिल हैं।
विष्णुपुराण – 23,000 श्लोक: विष्णुपुराण भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है और इसमें उनके दस अवतारों का विस्तार से वर्णन है। यह पुराण न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि इसे ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में भी देखा जाता है।
शिवपुराण – 24,000 श्लोक: शिवपुराण भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और इसमें उनके विभिन्न रूपों और लीलाओं का उल्लेख है। इस पुराण में शिव पूजा के महत्व पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
श्रीमद्भावतपुराण – 18,000 श्लोक: यह पुराण भगवान विष्णु के आठवें अवतार, श्रीकृष्ण, के जीवन और लीलाओं का विस्तार से वर्णन करता है। यह भक्तिपूर्वक भक्ति के मार्ग का प्रमुख ग्रंथ माना जाता है।
नारदपुराण – 25,000 श्लोक: नारदपुराण में संगीत, ज्योतिष, और तीर्थ यात्रा का वर्णन है। इसे नारद मुनि से संबंधित माना जाता है और इसमें भक्ति और संगीत के महत्व पर जोर दिया गया है।
मार्कण्डेयपुराण – 9,000 श्लोक: यह पुराण देवी दुर्गा की महिमा का वर्णन करता है और इसमें प्रसिद्ध दुर्गा सप्तशती का उल्लेख है। इसे शाक्त परंपरा का प्रमुख ग्रंथ माना जाता है।
अग्निपुराण – 15,000 श्लोक: अग्निपुराण में हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं जैसे कर्मकांड, चिकित्सा, ज्योतिष, और वास्तुशास्त्र का उल्लेख है। यह ग्रंथ अग्नि देवता को समर्पित है।
भविष्यपुराण – 14,500 श्लोक: भविष्यपुराण में भविष्यवाणी और ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का वर्णन है। इसमें वर्तमान और भविष्य में घटने वाली घटनाओं का भी उल्लेख है।
ब्रह्मवैवर्तपुराण – 18,000 श्लोक: इस पुराण में भगवान कृष्ण और राधा की महिमा का वर्णन है। यह वैष्णव परंपरा का प्रमुख ग्रंथ माना जाता है और इसमें भगवान विष्णु के चार अवतारों का विस्तार से वर्णन है।
लिंगपुराण – 11,000 श्लोक: लिंगपुराण में शिवलिंग की महिमा और उसकी पूजा का वर्णन है। यह ग्रंथ शैव परंपरा का महत्वपूर्ण अंग है।
वाराहपुराण – 24,000 श्लोक: वाराहपुराण में भगवान विष्णु के वाराह अवतार का वर्णन है और इसमें धर्म, नीति, और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का भी उल्लेख है।
स्कन्धपुराण – 81,100 श्लोक: यह पुराण सबसे बड़ा पुराण है और इसमें कार्तिकेय की महिमा, तीर्थों का वर्णन, और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का विस्तार से वर्णन है।
कूर्मपुराण – 17,000 श्लोक: इस पुराण में भगवान विष्णु के कूर्म अवतार का वर्णन है और इसमें विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, व्रतों, और त्यौहारों का भी उल्लेख है।
मत्स्यपुराण – 14,000 श्लोक: मत्स्यपुराण भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार का वर्णन करता है और इसमें सृष्टि के विनाश और पुनर्स्थापना की कथा शामिल है।
गरुड़पुराण – 19,000 श्लोक: यह पुराण गरुड़ देवता को समर्पित है और इसमें मृत्यु के बाद की यात्रा, कर्म, और मोक्ष का वर्णन किया गया है।
ब्रह्माण्डपुराण – 12,000 श्लोक: ब्रह्माण्डपुराण में ब्रह्मांड की संरचना, ग्रहों, नक्षत्रों, और ज्योतिष शास्त्र का विस्तार से वर्णन है।
वामनपुराण – 10,000 श्लोक: इस पुराण में भगवान विष्णु के वामन अवतार का वर्णन है और इसमें धर्म, नीति, और दान के महत्व का भी उल्लेख है।
पुराण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि ये भारतीय संस्कृति और इतिहास का अभिन्न हिस्सा हैं। वे हमें न केवल धार्मिक शिक्षा देते हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्य भी सिखाते हैं। पुराणों में दी गई कहानियाँ और शिक्षाएँ आज भी हमें प्रेरित करती हैं और हमारे जीवन को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।