Annamacharya Aur Suradas Ka Tulanatmaka Adyayana | अन्नामाचार्य और सूरदास

Annamacharya Aur Suradas Ka Tulanatmaka Adyayana By Mutnuri Sangamesam In Hindi PDF

अन्नामाचार्य और सूरदास दोनों ही भक्ति आंदोलन के महान संत थे, जिन्होंने अपने समय में भगवान के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट करने के लिए गीत और कविता का सहारा लिया। जबकि अन्नामाचार्य ने भगवान विष्णु के प्रति अपनी भक्ति को दर्शाया, वहीं सूरदास ने भगवान कृष्ण के प्रति अपनी गहरी भक्ति का प्रदर्शन किया।

Language: Sanskrit Hindi

Publisher: Tirupati Devasthanam

Published Date: 2003

Size: 29.4MB

Pages: 366

Author: Annamacharya or Suradas

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अन्नामाचार्य:
अन्नामाचार्य (एक हजार वर्ष पूर्व) भारतीय संत, कवि और भक्ति आंदोलन के महान व्यक्तित्व थे। उनका जन्म 1408 में आंध्र प्रदेश के तिरुपति में हुआ। वे भगवान विष्णु के परम भक्त माने जाते हैं और उनकी भक्ति के लिए उन्होंने कई भक्ति गीत और काव्य रचनाएँ कीं।
अन्नामाचार्य ने अपनी रचनाओं में भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों का गुणगान किया है। उनके द्वारा लिखे गए “सप्तपदी” जैसे भक्ति गीत आज भी भक्तों द्वारा गाए जाते हैं। अन्नामाचार्य का भक्ति दर्शन न केवल अपने समय में लोकप्रिय था, बल्कि उन्होंने भारतीय संगीत पर भी गहरा प्रभाव डाला।
सूरदास:
सूरदास (1478-1583) एक प्रसिद्ध भक्त कवि और संत थे, जो भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ। सूरदास ने अपने काव्य में भगवान कृष्ण की लीलाओं का चित्रण किया है, विशेषकर उनकी बाल लीलाओं और राधा-कृष्ण के प्रेम को।
सूरदास की रचनाएँ, जैसे “सूरसागर”, “सूरदास की कविताएँ” और “कृष्ण लीला” भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं। वे एक अद्भुत गायक भी थे और उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य के महानतम काव्य रचनाओं में मानी जाती हैं।