Bhagavad Gita Vyakhyamritasrita – Hindi | भगवद गीता व्याख्यामृत सरिता – हिंदी (रामानुज सम्प्रदाय) PDF
भगवद गीता हिंदू धर्म का एक अद्भुत ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उपदेश दिया। यह उपदेश धर्म, कर्म, भक्ति, योग और मोक्ष के बारे में है। रामानुज सम्प्रदाय की व्याख्या में भगवद गीता को एक गहरी दृष्टि से समझाया गया है। रामानुजाचार्य, जो विष्णु के अंश के रूप में माने जाते हैं, ने गीता का विश्लेषण करते हुए इसे भक्ति के माध्यम से भगवान से मिलन का मार्ग बताया।
रामानुज सम्प्रदाय के अनुसार, भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने जो उपदेश दिए हैं, वे न केवल कर्म योग (कर्म करते हुए भगवान से जुड़ने का मार्ग) बल्कि भक्ति योग (भगवान की भक्ति के माध्यम से उन्हें जानने का मार्ग) को भी प्रमुख रूप से प्रदर्शित करते हैं। रामानुजाचार्य ने गीता के श्लोकों की ऐसी व्याख्या की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भक्ति के माध्यम से व्यक्ति भगवान से जुड़ता है और परम शांति प्राप्त करता है।
गूढ़ता और सरलता का संगम: रामानुजाचार्य ने गीता के गूढ़ अर्थ को सरल और व्यावहारिक तरीके से समझाया। उनके अनुसार, जीवन में भक्ति और सेवा का अत्यधिक महत्व है, और यही सबसे उच्चतम मार्ग है जो आत्मा को परमात्मा से मिलाता है। उन्होंने इसे भगवान के प्रति आत्मसमर्पण और भक्ति के रूप में प्रस्तुत किया।
रामानुज सम्प्रदाय का उद्देश्य: रामानुज सम्प्रदाय का उद्देश्य व्यक्ति को जीवन में सत्य, भक्ति और धर्म का पालन करने के लिए प्रेरित करना है। इसके द्वारा व्यक्ति को न केवल मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि यह उसे समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए भी प्रेरित करता है।
भगवद गीता की रामानुज सम्प्रदाय की व्याख्या ने भारतीय धार्मिकता में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जो आज भी लोगों को प्रेरित करता है।
Bhagavad Gita Vyakhyamritasrita – Hindi
Book Title | Bhagavad Gita Vyakhyamritasrita – Hindi |
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Publisher | Geeta Press |
Published Date | 2008 |
Size | 43MB |
Pages | 608 |
Geeta Bhashyakara | Ramanujacharya |
Hindi Translator | Harikrishna Das Goyandaka |
Source | Link |
Description | Read the Bhagavad Gita with the commentary of Ramanujacharya. For full access to the text and the Gita Bhashya, visit here. |