Bindu Me Sindhu | बिंदु में सिंधु PDF

Bindu Me Sindhu | बिंदु में सिंधु
“बिंदु में सिंधु” एक अत्यंत गूढ़ और गहन आध्यात्मिक विचार है। यह वाक्य भारतीय दार्शनिक परंपरा में सूक्ष्मता और महानता के बीच के संबंध को दर्शाता है।
Language: Sanskrit, Hindi
Publisher: Geeta Press
Published Date: 2068
Size: 1.0MB
Pages: 120
Author: Rajendra Kumar Dhawan
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परमश्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराज का जीवन साधकों के कल्याण हेतु समर्पित था। वे निरंतर इस प्रयास में लगे रहते थे कि साधकों को शीघ्र और सरल मार्ग प्राप्त हो सके जिससे वे अपने जीवन का आध्यात्मिक उत्थान कर सकें। उनके प्रवचन और पुस्तकें साधकों के लिए ज्ञान का अथाह स्रोत हैं। स्वामीजी के जुलाई 1998 से दिसंबर 1999 तक के प्रवचनों का संकलन “सीमा के भीतर असीम प्रकाश” नामक पुस्तक के रूप में प्रकाशित हो चुका है। इस पुस्तक से अनेकों साधकों ने लाभ प्राप्त किया है। अब जनवरी 2000 से मई 2000 के बीच विभिन्न स्थानों पर दिए गए उनके प्रवचनों का सार “बिंदु में सिंधु” पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। यह प्रवचन संकलन सूरत, हैदराबाद, मुंबई, ईरोड, चेन्नई, बालगौर, अहमदाबाद, बीकानेर, साँधल, गोरखपुर, लखनऊ और ऋषिकेश में दिए गए प्रवचनों का संग्रह है। इन प्रवचनों में स्वामीजी ने लौकिक और पारमार्थिक प्रश्नों के समाधान अत्यंत सरल और व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत किए हैं।