Brahmacharya Jivan ki Anivarya Aavasyakata | ब्रह्मचर्य जीवन की अनिवार्य आवस्यकता PDF

Brahmacharya Jivan ki anivarya Aavasyakata in
Pdf
( ब्रह्मचर्य जीवन की अनिवार्य आवस्यकता )

 

Brahmacharya Jivan ki Anivarya Aavasyakata PDF

ब्रह्मचर्य का अर्थ है इंद्रियों का संयम और विचारों की शुद्धता। भारतीय संस्कृति में ब्रह्मचर्य को जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग माना गया है। यह आत्मनियंत्रण, मनोबल और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

Language: Hindi

Publisher: awgp.org

Published Date:

Size: 1.3MB

Pages: 24

Author: Unkown

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“ब्रह्म” का अर्थ है परमात्मा और “चर्य” का अर्थ है आचरण। अतः ब्रह्मचर्य का तात्पर्य है ऐसा जीवन जीना जिसमें इंद्रियों पर नियंत्रण हो और परमात्मा की ओर मन केंद्रित रहे।

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