Charpat Panjarika | चर्पट पञ्जरिका Free PDF Download Of sanskrit Ebooks
Charpat Panjarika | चर्पट पञ्जरिका
चर्पट पञ्जरिका (Charpat Panjarika) एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। इसे भज गोविन्दम् के नाम से भी जाना जाता है। यह स्तोत्र वैराग्य और भक्ति का संदेश देता है और संसार की नश्वरता पर ध्यान केंद्रित करता है।
Language: Sanskrit | Hindi
Publisher:
Published Date: Babu Suraj bhan gupta
Size: 7.2MB
Pages: 262
Author: Adi Shakaracharya | Swami Yoganand
source: link
इसमें मानव जीवन की अस्थिरता, धन और संपत्ति के प्रति मोह के खतरों, और बुढ़ापे तथा मृत्यु की अपरिहार्यता का उल्लेख किया गया है। शंकराचार्य जी ने इस स्तोत्र में यह शिक्षा दी है कि केवल ज्ञान और तर्क से मोक्ष प्राप्त नहीं होता, बल्कि गोविन्द (भगवान) की भक्ति से ही वास्तविक शांति और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।
चर्पट पञ्जरिका के मुख्य संदेश:
संसार की नश्वरता: यह बताता है कि संसार में जो भी चीज़ें हैं, वे अस्थायी हैं। धन, यौवन, और जीवन सभी क्षणभंगुर हैं।
वैराग्य: इस स्तोत्र में वैराग्य (संसार से विरक्ति) का महत्व बताया गया है। शंकराचार्य ने यह बताया कि जो लोग संसार के मोह में फंसे रहते हैं, वे कभी भी शाश्वत शांति प्राप्त नहीं कर सकते।
भक्ति: इसमें यह सलाह दी गई है कि व्यक्ति को भगवान (गोविन्द) की भक्ति में लीन होना चाहिए, क्योंकि वही सच्ची मुक्ति का मार्ग है।
ज्ञान का सही अर्थ: शंकराचार्य जी ने यह बताया कि शास्त्रों का ज्ञान और तर्क महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अंत में भगवान की भक्ति ही व्यक्ति को मृत्यु के भय से मुक्त कर सकती है।
इस स्तोत्र का हर श्लोक जीवन की एक महत्वपूर्ण सीख देता है और लोगों को सांसारिक मोह छोड़कर भगवान की शरण में जाने का मार्ग दिखाता है।