Jayakhya samhita In Sanskrit PDF | जयाख्य संहिता संस्कृत PDF

Jayakhya Samhita In Sanskrit PDF
जयाख्यासंहिता एक अत्यंत मूल्यवान ग्रंथ है जो न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोगी है, बल्कि भारतीय शास्त्रीय दर्शन, मंदिर स्थापत्य और मूर्तिकला के अध्ययन हेतु भी उपयोगी है। इसकी विद्वत्तापूर्ण संपादन और प्रकाशन 1931 में ओरिएंटल इंस्टिट्यूट, बड़ौदा से हुआ, जो आज भी शोधार्थियों और धर्मप्रेमियों के लिए एक अमूल्य धरोहर है।
Publisher: Oriental Institute, Baroda
Published Date: 1931
Size: 53.9 MB
Pages: 581
Author: EMBAR KRISHNAMACHARYA
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जयाख्यासंहिता वैष्णव संप्रदाय का एक प्रमुख आगम ग्रंथ है, जो विशेष रूप से श्रीविष्णु की उपासना और तांत्रिक विधियों पर केंद्रित है। इसे पाञ्चरात्र साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। यह ग्रंथ मूर्ति निर्माण, मंदिर स्थापत्य, पूजा-पद्धति, ध्यान, योग तथा भक्ति एवं ज्ञानयोग से संबंधित गूढ़ तात्त्विक विषयों को समाहित करता है। इस ग्रंथ का आलोचनात्मक संपादन प्रसिद्ध वैष्णव विद्वान एंबर कृष्णनामाचार्य द्वारा किया गया, जो वडताल की संस्कृत पाठशाला के अध्यक्ष थे। उन्होंने इस ग्रंथ को 1931 में ओरिएंटल इंस्टिट्यूट, बड़ौदा से प्रकाशित कराया। यह संस्कृत भाषा में उपलब्ध है और कुल 581 पृष्ठों का है। जयाख्यासंहिता तत्त्वशुद्धि और चित्तशुद्धि की दिशा में एक मार्गदर्शक ग्रंथ है, जिसमें वैष्णव तांत्रिक परंपरा के सिद्धांतों का विस्तृत विवरण है। इसकी शिक्षाएँ आज भी मूर्ति-प्रतिष्ठा, मंदिर विज्ञान और धार्मिक अनुष्ठानों में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। शोधार्थियों और धर्मप्रेमियों के लिए यह ग्रंथ एक अमूल्य आध्यात्मिक धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित है।