Sanskrita Geetam Manasa Satatam Smaraniyam With Image | संस्कृत गीतं मनसा सततं स्मरणीयम्

संस्कृत गीतं मनसा सततं स्मरणीयम् |
Sanskrita Geetam Manasa Satatam Smaraniyam
With Image

Download

मनसा सततं स्मरणीयम्
वचसा सततं वदनीयम्
लोकहितं मम करणीयम्
॥ लोकहितं॥

न भोगभवने रमणीयम्
च सुखशयने शयनीयनम्
अहर्निशं जागरणीयम्लो
कहितं मम करणीयम्
॥ मनसा॥

न जातु दु:खं गणनीयम्
न च निजसौख्यं मननीयम्
कार्यक्षेत्रे त्वरणीयम्
लोकहितं मम करणीयम्
॥ मनसा॥

दु:खसागरे तरणीयम्
कष्टपर्वते चरणीयम्
विपत्तिविपिने भ्रमणीयम्
लोकहितं मम करणीयम्
॥ मनसा॥

गहनारण्ये घनान्धकारे
बन्धुजना ये स्थिता गह्वरे
तत्रा मया संचरणीयम्
लोकहितं मम करणीयम्
॥ मनसा॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *