Matsya Mahapuran Sanskrit Hindi PDF Download Of sanskrit Ebooks | मत्स्य महापुराण संस्कृत हिन्दी पुस्तक का डाउनलोड करे मुफ्त मे पिडिएफ़

Hindi Book Matsya Puran PDF

मत्स्य महापुराण हिन्दू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है। इसमें भगवान विष्णु के पहले अवतार मत्स्य (मछली) की कथा और अन्य धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक विषयों का वर्णन है। यह पुराण भारतीय संस्कृति के प्राचीन इतिहास, धर्म, और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। मत्स्य महापुराण में भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार मुख्य रूप से वर्णित है, जिसमें उन्होंने प्रलय के समय मानव जाति को बचाने के लिए मछली का रूप धारण किया था। यह पुराण धार्मिक शिक्षा और जीवन के आदर्शों का विस्तार से वर्णन करता है। इसके मुख्य विषय निम्नलिखित हैं:

Language: Sanskrit – Hindi

Publisher: Geeta Press

Published Date: 2016-02-11

Size: 88.4MB

Pages: 1082

Author: Veda Vyasa

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सृष्टि की उत्पत्ति: इस पुराण में सृष्टि की उत्पत्ति और ब्रह्मांड के निर्माण का वर्णन है। भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार के माध्यम से यह बताया गया है कि कैसे उन्होंने प्रलय के समय मनु और अन्य जीवों की रक्षा की।

मत्स्य अवतार की कथा: मत्स्य अवतार की प्रसिद्ध कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने प्रलय के समय मनु (प्रथम मानव) को एक नाव में बैठाकर सभी जीवों और वनस्पतियों की रक्षा की। यह कहानी धार्मिक दृष्टिकोण से मानवीय अस्तित्व के संरक्षण का प्रतीक है।

धर्म और नीति का उपदेश: मत्स्य महापुराण में धर्म, नीति, और समाजिक जीवन के आदर्शों पर भी चर्चा की गई है। इसमें राजा और प्रजा के कर्तव्यों, नीति-नियमों, और धार्मिक आचरण का वर्णन है।

राजाओं का इतिहास: इसमें प्राचीन भारतीय राजवंशों और राजाओं की वंशावली दी गई है। साथ ही, पांडवों और कौरवों के वंश का भी वर्णन मिलता है।

तीर्थों का महात्म्य: इस पुराण में विभिन्न तीर्थस्थलों और नदियों की महिमा का वर्णन किया गया है। गंगा, यमुना, सरस्वती और अन्य पवित्र नदियों की पूजा और महत्व को विस्तार से बताया गया है।

वास्तु शास्त्र और मंदिर निर्माण: मत्स्य महापुराण में वास्तु शास्त्र और मंदिर निर्माण की विधियों का भी वर्णन है। इसमें मूर्ति निर्माण, स्थापत्य कला, और अन्य धार्मिक निर्माण कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई है।

दान और यज्ञ की महिमा: इसमें दान, यज्ञ, और अन्य धार्मिक कर्मकांडों के महत्व को भी बताया गया है, जो व्यक्ति के जीवन को शुद्ध और उन्नत बनाने में सहायक होते हैं।