Prapannamritam only in Sanskritam | प्रपन्नामृतम् मात्र संस्कृत मे PDF

Prapannamritam only Sanskrit | प्रपन्नामृतम् संस्कृतम्
यह ग्रंथ एक विशिष्ट आचार्य द्वारा रचित है, जिसका कार्य शास्त्रों के प्रकाशन और जीवन के धार्मिक पहलुओं को समझाने से संबंधित है। यहाँ यह भी बताया गया है कि इसे श्री रामनारायणाचार्य ने संशोधित किया है।
Language: Sanskrit
Publisher: Somani Trust Varanasi
Published Date: BS 2023
Size: 206MB
Pages: 344
Author: Shreemmad Anantacharya
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संशोधन और प्रकाशन: यह ग्रंथ श्रीवेकटेश्वर यन्त्राधिकारिणा की अनुमति से प्रकाशित हुआ है। ग्रंथ का प्रकाशन राजस्थानी मौलासयराम ने किया और इसे सोमानी ट्रस्ट, वाराणसी से प्रकाशित किया गया।
संवत्सर: यह ग्रंथ कार्तिकाक्षयनवमी संवत् २०२३ में प्रकाशित हुआ है, जो भारतीय कैलेंडर के अनुसार एक विशेष तिथि को दर्शाता है।
ग्रंथ के पुनः प्रकाशन: इसके पुनः प्रकाशन का अधिकार “श्रीवेकटेश्वर यन्त्राधिकारिणा” के पास है और यह पूरी तरह से उनके मार्गदर्शन में है।
सव्यं पादं प्रसार्याऽश्रितदुरित हरं दक्षिणं कुश्चयित्वा,
जानून्याधाय सव्येतरमितरभुजं नागभोगे निधाय ।
पश्चाद्वाहुद्वयेन प्रतिभटशमने धारयन् शंखचक्रे,
देवीभूषादिजुष्टो वितरतुजगतां शर्म बैकुण्ठनाथः ॥