Sanskrit Nibandhanjali | संस्कृत निबन्धाञ्जलि PDF

Sanskrit Nibandhanjali | संस्कृत निबन्धाञ्जलि PDF

संस्कृतं भारतस्य प्राचीनतमं समृद्धं च भाषा स्वरूपं वहति। अस्याः भाषायाः उपयोगः केवलं धार्मिक-दार्शनिक-विचाराभिव्यक्त्यर्थमेव न, अपितु विविधानां विषयाणां लेखनेऽपि प्रचुरः दृष्टः। संस्कृतस्य निबन्धाः सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, तथा शैक्षिक विषयेषु सुस्पष्टं प्रकाशं कुर्वन्ति।

Language: Sanskrit, Hiindi

Publisher: Binod Pustak Mandir

Published Date: 1983

Size: 141MB

Pages: 287

Author: Dr Ram Chandra Aacharya

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विनोद पुस्तक मन्दिर द्वारा प्रकाशित पञ्चम संस्करण भारतीय साहित्य और संस्कृति का एक अनुपम दस्तावेज है। यह संस्करण वर्ष 1983 में पुनः प्रकाशित किया गया था। पुस्तक का मुद्रण कार्य “रवि मुद्रणालय जवस” द्वारा संपादित किया गया है, जबकि कंपोज़िंग कार्य में राकेश, गीता और के० हा० जैसे दक्ष व्यक्तियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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