Shad Darshan Samuchchaya । षड्दर्शन समुच्चय PDF
“Shad Darshan Samuchchaya “
हरिभद्रसुरि विरचित षड्दर्शन समुच्चयin pdf
Shad Darshan Samuchchaya | षड्दर्शन समुच्चय PDF
हरिभद्रसूरि द्वारा रचित षड्दर्शनसमुच्चय भारतीय दार्शनिक परंपरा का एक विशिष्ट ग्रंथ है, जिसमें भारतीय दर्शन की छह प्रमुख दर्शनों (षड्दर्शन) का समन्वयात्मक और तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ विभिन्न दर्शनों के मुख्य सिद्धांतों, तात्त्विक आधारों और विचारधाराओं का संक्षिप्त परंतु प्रभावशाली विवरण देता है।
Language: Sanskrit, Hindi
Publisher: Bharatiya Gyan peeth
Published Date:
Size: 80MB
Pages: 574
Author: Hari Bhadrasuri
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हरिभद्रसूरि द्वारा रचित षड्दर्शनसमुच्चय भारतीय दार्शनिक परंपरा का एक विशिष्ट ग्रंथ है, जिसमें भारतीय दर्शन की छह प्रमुख दर्शनों (षड्दर्शन) का समन्वयात्मक और तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ विभिन्न दर्शनों के मुख्य सिद्धांतों, तात्त्विक आधारों और विचारधाराओं का संक्षिप्त परंतु प्रभावशाली विवरण देता है। डॉ. महेंद्रकुमार जैन, न्यायाचार्य द्वारा संपादित इस ग्रंथ को भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। संपादक ने हरिभद्रसूरि के मौलिक कार्य को स्पष्ट और सरल भाषा में प्रस्तुत किया है, जिससे यह ग्रंथ न केवल विद्वानों बल्कि सामान्य पाठकों के लिए भी उपयोगी बन गया है। इस ग्रंथ में सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदांत जैसे दर्शनों के सिद्धांतों को उनके मूल तत्वों के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। हरिभद्रसूरि ने इन दर्शनों के पारस्परिक भेदों को समझाते हुए उनके सामान्य उद्देश्य – सत्य की प्राप्ति – पर बल दिया है।