Shreemad Bhagawat Mahapuranam Mool Matram PDF | श्रीमद्भागवत महापुराण मूलमात्रम्
Shreemad Bhagawat Mahapuranam Mool Matram
“श्रीमद्भागवत महापुराण मूलमात्रम्” (Shreemad Bhagawat Mahapuranam Mool Matram) श्रीमद्भागवत महापुराण का संक्षिप्त या सार रूप है। श्रीमद्भागवत महापुराण हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों, विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं का वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ भक्तिपंथ को प्रमुखता देता है और धार्मिक, दार्शनिक तथा cosmology (सार्वभौमिक सिद्धांत) से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
Category: 18 Puranam
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Pages: 1821
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श्रीमद्भागवत महापुराण हिन्दू धर्म का एक प्रमुख और पवित्र ग्रंथ है, जिसे महर्षि वेदव्यास द्वारा संकलित किया गया था। इस ग्रंथ में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों, विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण के जीवन और उनके कार्यों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें 18,000 श्लोक होते हैं, जो 12 पुस्तक (कांडों) में बांटे गए हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण का उद्देश्य भक्ति, धर्म, और आत्मज्ञान के महत्व को स्थापित करना है। इसमें भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिसमें उनका जन्म, बाल्यकाल, गोवर्धन पर्वत उठाना, और कुरुक्षेत्र के युद्ध में उनके योगदान का उल्लेख है। यह ग्रंथ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय दर्शन, नीति, और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डालता है। इसमें भक्ति, योग, और ज्ञान के मार्ग के माध्यम से आत्मोत्थान की बात की गई है। चिरंजीवी खातीवाड़ा का नाम यदि इस संदर्भ में है, तो यह संभवतः कोई व्यक्ति हो सकते हैं जिन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण का अध्ययन किया हो या इसे सरल रूप में प्रस्तुत किया हो। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए, किसी विशेष संदर्भ या प्रकाशन से संबंधित जानकारी प्राप्त करना आवश्यक होगा।