Shri NamRatnakhya Stotram with Ashtottarshatnamavali | श्रीनामरत्नाख्यस्तोत्र PDF

Shri NamRatnakhya Stotram with Ashtottarshatnamavali | श्रीनामरत्नाख्यस्तोत्र PDF
भारत की आध्यात्मिक धरोहर में वैष्णव संप्रदाय का एक विशेष स्थान है। वैष्णव भक्ति परंपरा ने न केवल भक्ति-संवेदनाओं का विकास किया बल्कि साहित्य, संगीत और दर्शन में भी गहरी छाप छोड़ी। इसी परंपरा का एक अद्भुत ग्रंथ है मन्थमाला, जो श्री गोवर्धननाथजी की स्तुति और नामों की महिमा से ओत-प्रोत है।
Language: Sanskrit, Hindi
Publisher: Vaishnav Mitra Mandal Public Trust
Published Date:
Size: 10MB
Pages: 300
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इस ग्रंथ की रचना श्री पंचमकुमार गोस्वामी श्री रघुनाथलालजी द्वारा की गई है और इसकी प्रथम व्याख्या श्रीदेवकीनंदनाचार्यजी ने प्रस्तुत की है। इन महान संतों ने वैष्णव सिद्धांतों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। इस ग्रंथ का प्रकाशन वैष्णव मित्र मंडल सार्वजनिक न्यास द्वारा किया गया है, जो इन्दौर (मध्यप्रदेश) के श्री गोवर्धननाथजी मंदिर से जुड़ा हुआ है। इस प्रकाशन संस्था ने वैष्णव परंपरा से संबंधित अनेक ग्रंथों को संरक्षित और प्रचारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।