Srimad Bhagawad Gita Sadhak Sanjivani – Parishishtasahit | श्रीमद्भगवद्गीता साधक सञ्जीवनी हिन्दी PDF
Srimad Bhagawad Gita Sadhak Sanjivani
( Parishishtasahit )
श्रीमद्भगवद्गीता साधक सञ्जीवनी
Srimad Bhagawad Gita Sadhak Sanjivani – Parishishtasahit PDF
श्रीमद्भगवद्गीता साधक सञ्जीवनी गीता पर आधारित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें गीता के श्लोकों की व्याख्या साधकों (आध्यात्मिक साधना करने वालों) के लिए सरल और व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत की गई है।
Language: Sanskrit, Hindi
Publisher: Geeta Press
Published Date:
Size: 3.4MB
Pages: 385
Author: Ramsukha Das Ji Maharaj
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श्रीमद्भगवद्गीता एक अद्वितीय ग्रंथ है, जिसकी गहराई को कोई पूर्ण रूप से समझ नहीं सका और न समझ सकेगा। इसका अध्ययन करते समय नित्य नए-नए भाव प्रकट होते हैं, जो बुद्धि, मन, वाणी और लेखन से परे हैं। गीता के संदेश को समझने और साधकों के हित के लिए ‘साधक संजीवनी’ टीका लिखी गई, जिसमें प्रारंभ में निर्गुण भक्ति को प्राथमिकता दी गई थी। परंतु गहरे चिंतन से सगुण भक्ति और भगवान के समग्र स्वरूप की प्रमुखता स्पष्ट हुई। इस टीका में श्लोकों के अर्थ और व्याख्या को सुधारा और परिशिष्ट भाव जोड़े गए हैं। साधकों को इसे गहराई से पढ़कर विचार करना चाहिए, क्योंकि यह टीका उनके आध्यात्मिक उन्नति के लिए बनाई गई है।