Bhartrihari Vakyapadeeya Brahmakandah | भर्तृहरिविरचितः वाक्यपदीय ब्रह्मकाण्डः

भर्तृहरिविरचितः
वाक्यपदीयब्रह्मकाण्डः

Bhartrihari Vakyapadeeya Brahmakandah, भर्तृहरिविरचितः वाक्यपदीय ब्रह्मकाण्डः PDF

भर्तृहरि-विरचितः वाक्यपदीयम् (ब्रह्मकाण्डः) संस्कृत भाषा और भारतीय दर्शन का एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है। यह भाषा के सिद्धांतों, व्याकरण, और शाब्दिक विमर्श का अद्वितीय ग्रंथ है, जिसमें भाषा और ब्रह्म की अद्वैतता का विवेचन मिलता है। भर्तृहरि का यह ग्रंथ तीन प्रमुख खण्डों में विभक्त है:

Language: Sanskrit

Publisher: Mandakini Sanskrit Parishad

Published Date: 2002

Size: 82.6MB

Pages: 588

Author: Bhartrihari , Pandit Vedanand Jha

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ब्रह्मकाण्डः शब्द और ब्रह्म के संबंध को समझने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह ग्रंथ भाषा और दर्शन के अद्वैत स्वरूप को प्रस्तुत करता है। जो व्यक्ति भाषा, व्याकरण और दर्शन के गहन अध्ययन में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह ग्रंथ एक अनमोल निधि है।