Aagam Pramanyam of Yamunacharya | आगम प्रामाण्यम् यामुनाचार्यविरचितम् PDF

Aagama Pramanyam Pancharatra tantra pramanya vyavasthapanaparam . of Yamanucharya
आगम प्रामाण्यम् यामुनाचार्यविरचितम् 

Aagama Pramanyam of Yamunacharya PDF

यह ग्रंथ वैष्णव दर्शन में अगाध श्रद्धा रखने वाले और वेद-आगम के महत्व को समझने की इच्छा रखने वाले विद्वानों के लिए अत्यंत मूल्यवान है। “आगम प्रामाण्यम्” ने वेदांत और वैष्णव परंपरा के सिद्धांतों को सुदृढ़ किया है और इसे धर्मशास्त्रों में विशिष्ट स्थान प्रदान किया है।

Language: Sanskrit

Publisher: Rameshwar Pathak

Published Date: BS 1994

Size: 4MB

Pages: 96

Author: Swami – Yamunacharya

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“आगम प्रामाण्यम्” एक महत्वपूर्ण वैष्णव ग्रंथ है, जिसे आचार्य यामुनाचार्य ने रचा है। यह ग्रंथ वेदों, आगमों, और वैष्णव दर्शन की प्रमाणिकता को स्थापित करने के लिए लिखा गया है। यामुनाचार्य, जो कि रामानुजाचार्य के गुरु परंपरा में आते हैं, ने इस ग्रंथ के माध्यम से वैदिक परंपरा और आगमिक शिक्षाओं के महत्व को प्रतिपादित किया।