Gadyatrayam of Ramanucharya | गद्यत्रयम् रामानुजाचार्य PDF
” Gadyatrayam of Ramanucharya ”
“गद्यत्रयम् रामानुजाचार्य”
Gadyatrayam of Ramanucharya | गद्यत्रयम् रामानुजाचार्य PDF
यह पाठ श्री गद्यत्रयम् से संबंधित है, जो श्रीरामानुजाचार्य द्वारा रचित प्रसिद्ध ग्रंथ है। गद्यत्रयम् तीन मुख्य प्रार्थनात्मक गद्य रूप में लिखा गया है: शरणागतिगद्य, श्रीरङ्गगद्य, और वैकुण्ठगद्य। इन गद्य ग्रंथों का मुख्य उद्देश्य भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण, भक्ति, और मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करना है। यह पाठ श्रीरामानुजाचार्य के वैदिक और भक्ति परंपरा को दर्शाता है, जिसे उनके अनुयायियों और उत्तरवर्ती आचार्यों ने विस्तार और व्याख्या के साथ संरक्षित किया है। यह विशेष ग्रंथ रहस्य और श्रीवैष्णव परंपरा से जुड़े दार्शनिक और आध्यात्मिक सिद्धांतों को प्रकट करता है।
Language: Sanskrit
Publisher:
Published Date: BS 1910
Size: 1.7MB
Pages: 114
Author: Ramanujacharya
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श्रीरामानुजाचार्य द्वारा रचित गद्यत्रयम् वैदिक परंपरा और वैष्णव सिद्धांतों का अनूठा संगम है। इसमें आत्मसमर्पण, भक्ति और दार्शनिक चिंतन के माध्यम से भगवान श्रीमन्नारायण की महिमा का वर्णन किया गया है। शरणागतिगद्य में भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना को प्रकट किया गया है, जबकि श्रीरंगगद्य श्रीरंगनाथ के दिव्य स्वरूप और उनकी महिमा का गुणगान करता है। वैकुण्ठगद्य भगवान के शाश्वत धाम वैकुण्ठ का वर्णन करते हुए, आत्मा और परमात्मा के अद्वितीय मिलन का अनुभव कराता है।