भारतीय नेपाली गोत्रावाली एक पारंपरिक संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न जातियों और उपजातियों के बीच वंश, परिवार, और विवाह संबंधों को स्पष्ट करने के लिए गोत्र (वंश) का उपयोग किया जाता है। गोत्रावाली आमतौर पर एक परिवार की वंशावली को दर्शाती है और यह बताती है कि किसी व्यक्ति का संबंध किन प्रमुख पूर्वजों या संतों से है। नेपाल और भारत में, गोत्र का उपयोग विशेष रूप से विवाह के दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि दूल्हा और दुल्हन एक ही गोत्र से संबंधित न हों, जिससे परंपरागत रूप से किसी प्रकार की सामाजिक मर्ज (inter-marriage) से बचा जा सके।