Stuti Sankeertan | स्तुति सङ्कीर्तन PDF
Stuti Sankeertan
स्तुति सङ्कीर्तन
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Stuti Sankeertan | स्तुति सङ्कीर्तन PDF
स्तुति और सङ्कीर्तन भारतीय आध्यात्मिक परंपरा के दो महत्वपूर्ण भाग हैं। ये दोनों मिलकर ईश्वर की आराधना, भक्ति और आभार प्रकट करने के माध्यम हैं। इस ग्रंथ का मुख्य उद्देश्य निम्बार्क संप्रदाय के अनुयायियों और अध्यात्म के साधकों को मार्गदर्शन प्रदान करना है। यह पुस्तक न केवल निम्बार्काचार्य की शिक्षाओं का प्रचार करती है, बल्कि भक्ति और धर्म के प्रति लोगों की रुचि को भी जागृत करती है।
Language: Sanskrit, Hindi
Publisher: Vishnu Priyaji Gyandaji Agara
Published Date: BS 2057
Size: 13MB
Pages: 46
Author: Rasik Mohan Sharan Shastri
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“अनन्त श्रीविभूषित जगद्गुरु निम्बार्काचार्य” नामक यह ग्रंथ निम्बार्क संप्रदाय के जगद्गुरु के जीवन, दर्शन और भक्ति मार्ग का व्यापक वर्णन करता है। इसका प्रकाशन रसिकमोहमशरण शास्त्री द्वारा संपादित किया गया है, जो इस क्षेत्र के जाने-माने विद्वान हैं।
प्रकाशन तिथि: यह ग्रंथ हरियाली तीज के शुभ अवसर पर संवत 2057 में प्रकाशित किया गया।
संस्करण: पुस्तक का 14वाँ संस्करण प्रकाशित हुआ, जिससे इसकी लोकप्रियता और उपयोगिता सिद्ध होती है।
प्रकाशक: इस ग्रंथ को विष्णुप्रियाजी ज्ञानदाजी, आगरा ने प्रकाशित किया है।